कांग्रेस का सरकार पर निरंतर हमला, राहुल गांधी का प्रहार
कांग्रेस ने NEET परीक्षा में धांधली को लेकर केंद्र सरकार पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं और बीजेपी शासित राज्य पेपर लीक के केंद्र बन चुके हैं।
राहुल गांधी का ट्वीट: 24 लाख छात्रों का भविष्य खतरे में
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “NEET परीक्षा में 24 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह मौन धारण किए हुए हैं। बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से संगठित भ्रष्टाचार हुआ है और ये भाजपा शासित राज्य पेपर लीक का एपिसेंटर बन चुके हैं।”
सड़क से संसद तक उठेगी आवाज़: राहुल गांधी
रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने कहा, “हमारे न्यायपत्र में पेपर लीक के विरुद्ध सख्त कानून बना कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने की गारंटी दी गई थी। विपक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए हम देश भर के युवाओं की आवाज सड़क से संसद तक मजबूती से उठा कर और सरकार पर दबाव डाल कर ऐसी कठोर नीतियों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा में धांधली की जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “नीट-यूजी 2024 परीक्षा के आयोजन में किसी की तरफ से ‘0.001 प्रतिशत लापरवाही’ भी हुई हो, तब भी उससे पूरी तरह से निपटा जाना चाहिए।”
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन बेंच ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि छात्र विशेष रूप से इन परीक्षाओं की तैयारी करते समय कितना परिश्रम करते हैं। कल्पना कीजिए कि व्यवस्था से धोखाधड़ी करने वाला कोई व्यक्ति चिकित्सक बन जाए। वह समाज के लिए कितना अधिक घातक है।” बेंच ने इस मामले में 8 जुलाई तक NTA से जवाब देने के लिए कहा है।
NEET परीक्षा में धांधली को लेकर कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला और राहुल गांधी के बयान से यह स्पष्ट है कि यह मुद्दा केवल एक परीक्षा का नहीं, बल्कि देश के लाखों युवाओं के भविष्य का है। कांग्रेस इस मुद्दे को सड़क से संसद तक ले जाने के लिए तैयार है, जबकि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में गंभीरता से जांच कर रही है। यह देखना बाकी है कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे और किस तरह से दोषियों को सजा मिलेगी।
इस विवाद ने स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने के लिए कठोर नीतियों और मजबूत कानूनों की आवश्यकता है ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे और वे अपने सपनों को साकार कर सकें।