साइटिका (कटीस्नायुसूल) क्या है -
साइटिका एक ऐसा धर्म है जिसमें किसी भी तरह का दर्द जैसे रीड की हड्डी का निचले हिस्से से होते हुए कुल्ला से होते हुए पैर के रास्ते आपके पैर की उंगलियों की तरफ जाता है इसे हम साइटिका बोलते हैं !
साइटिका होने के क्या लक्षण है-
यह बेसिकली आपके रीड की हड्डी के निचले हिस्से में चुटकुले वाली रीजन में वहां से पनपता है फिर आप के कुल्ले के रास्ते होते हुए एक पैर फिर जांघ और पैर के नीचे तलवे तक जाता है ज्यादातर या शरीर के एक हिस्से में होता है एक तरफ वाले हिस्से में होता है।
बट कभी-कभी यह दोनों तरफ हो सकता है जब आप बैठते हैं तब यह दर्द बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है साइटिका होने के बाद जलन की दिक्कत भी होती है साइटिका में पैर तथा पैर के तलवों में जलन की समस्याएं कहती हैं यह टिंगनिंग सेंसेशन होता है आपके पैर और कुल्हे वाले हिस्से में , कई बार साइटिका पेन में ऐसा होता है कि जिस तरफ साइटिका होता है उस साइड में आपको कमजोरी महसूस होता है और उस साइड का पैर सुन्न हो जाता है यह सारे साइटिका के लक्षण होते हैं !
साइटिका होने के क्या कारण है-
साइटिका का सबसे सामान्य कारण स्लिप डिस्क होता है ! साइटिका के और भी दूसरे कारण हैं, साइटिका का जो दूसरा कारण है वह लम्बार केनाल स्टेनोसिस होता है हमारे शरीर में जो स्पाइनल केनाल या स्पाइनल कॉर्ड होता है उस के निचले हिस्से में वह रास्ता छोटा पड़ जाता है जिसके चलते भी साइटिका का दर्द बेहद कॉमन हो जाता है।
साइटिका का दर्द डिजनरेटिव डिस्क डिजीज एक डिसऑर्डर होता है यह भी साइटिका एक प्रमुख कारण होता है।
स्पोंडिलोलिस्थीसिस के कारण भी साइटिका का दर्द होता है।
दूसरा जो एक महत्वपूर्ण कारण होता है वह गर्भावस्था होता है गर्भावस्था के बाद सामान्यतः साइटिका का दर्द होता है जोकि सेल्फ रिजॉल्विंग या खुद से ठीक होने वाला होता है गर्भावस्था के बाद थोड़े दिनों में ही यह साइटिका का दर्द खुद से ही खत्म हो जाता है,
मोटापा, मोटापा भी साइटिका का एक प्रमुख कारण होता है बहुत ज्यादा मोटापा के कारण भी यह पाया जाता है जिनमें बहुत ज्यादा मोटापा होता है और मैं साइटिका का दर्द सामान्य था पाया जाता है !
कई बार ऐसा होता है कि यदि आपको रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में कभी चोट लगा हो या उसमें कुछ क्षति आई हो तो इसकी वजह से भी साइटिका का दर्द हो सकता है या बहुत ही कम केसेज में ऐसा भी होता है कि यदि स्पाइनल कॉर्ड या स्पाइनल कैनाल में अगर कोई टयूमर होता है इसी कारण दबाव होता है इसके कारण हुई आपको साइटिका का दर्द हो सकता है !
जो लोग बहुत ही ज्यादा हील पहनते हैं उनमें साइटिका का पेन होना कॉमन होता है |
जो लोग बहुत ही सॉफ्ट गद्दे पर सोते हैं उनमें भी साइटिका का पेन होने की संभावना अधिक होती है !
साइटिका का निदान कैसे करें-
साइटिका के समस्या के लिए कुछ इन्वेस्टिगेशन है जो साइटिका के इलाज में हेल्प कर सकते हैं जैसे-
1) एक्स-रे
2) सीटी स्कैन
3) एम आर आई
4) नर्व कंडक्शन स्टडीज
या कुछ इन्वेस्टिगेशंस के तरीके हैं इसकी सहायता से साइटिका का पता चल सकता है !
साइटिका का इलाज कैसे करें-
साइटिका का दर्द होने पर प्रदाह कम कर दे इससे साइटिका का दर्द शायद कुछ कम हो जाए, प्रदान कम करने के लिए हम कुछ प्रदाहनाशी दवाइयों का सेवन कर सकते हैं जैसे- आइबुप्रोफेन, क्रोसिन इस तरह की ड्रग्स हम ले सकते हैं !
ओरल स्टेरॉयड भी कई बार साइटिका के दर्द में आराम देता है फिजियोथेरेपी और कुछ एक्सरसाइज साइटिका के दर्द के निदान में काफी हेल्प करते हैं साइटिका के दर्द से निदान पाने का सबसे आखरी समाधान सर्जरी होता है !
साइटिका की से निदान पाने की कुछ आयुर्वेदिक उपाय-
साइटिका के दर्द में आराम पाने के लिए पतंजलि में मिलने वाले औषधि दिव्य चंद्रप्रभावटी, त्रयोदसागं गूगल का सेवन करें।
यह दोनों ही दवाओ में से खाने के बाद एक गोली का सेवन करें
वातारि चूर्ण, बताने चूर्ण सेवन एक चम्मच की मात्रा में करें यह साइटिका के दर्द में बहुत ही लाभदायक होता है।
पतंजलि में मिलने वाली पीड़ांतक तेल या पीड़ांतक ओइंटमेंट भी दर्द वाले स्थान पर लगा सकते हैं यह दर्द से काफी लाभप्रद होता है !
पतंजलि में बताए गए कमर के आसन जो कि कुल 12 आसन है उनको करने से भी साइटिका के पेट में आराम मिलेगा उष्ट्रासन ,भुजंगासन, मर्कटासन, कंधासन बहुत सारे आसन उनको भी करके साइटिका के दर्द से निजात पा सकते हैं !