सफेद दाग क्या होता है -
सफेद दाग के शुरुआती लक्षण -
दोस्तों! इस रोग में रोगी को किसी तरह की दिक्कत तो नहीं होती है मगर सफेद दाग चेहरे और हाथ पैर पर दिखाई देते हैं जिसके कारण रोगी कुरुप नजर आता है इस कारण रोगी तनाव हीन भावना और डिप्रेशन में रहता है रोगी की स्क्रीन पर छोटे-छोटे सफेद धब्बे दिखाई देते हैं कभी-कभी इन में खुजली भी होती है और कुछ टाइम बाद यह सफेद धब्बे एक साथ मिलकर बड़े हो जाते हैं कुछ रोगियों में धब्बों की बढ़ने की गति धीमी होती है और कुछ रोगियों में तेज होती हैं इसके अतिरिक्त कुछ खास लक्षण रोगी में नहीं पाए जाते हैं इस रोग को आसानी से पहचाना जा सकता है !
सफेद दाग होने के कारण -
दोस्तों! सफेद दाग का एग्जैक्ट कारण अभी पता नहीं है लेकिन बहुत सारे थ्योरी है जैसे - सफेद दाग में जो हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति होती है वह बदल जाती है इसकी वजह से हमारी बॉडी ऐसा लगने लगता है की यह कलर देने वाली जो मेलेलिन सेल्स हैं वह हमारी बॉडी का हिस्सा ही नहीं है और फिर हमारी बॉडी हमारी हमारी स्किन की मेलानोसाइट्स को माने लगती है हमारा शरीर हमारी खुद की स्किन की सेल्स को मारने लगती है इसकी वजह से रिंग बनाने का कार्य उस एरिया में खत्म हो जाता है और फिर सोचा धीरे-धीरे सफेद होने लगती है सफेद दाग के नाम से जानते हैं।
कई रोगियों में इसके अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं कई बार यहां रोगियों के शरीर में धीरे-धीरे फैलने लगते हैं और कई बार ऐसा होता है कि यह एक ही सफेद धब्बे आते हैं और वह धीरे-धीरे खुद से ही खत्म हो जाते हैं आ गया फिर काला हो जाता है या तो कभी-कभी धीरे-धीरे अपना कलर चेंज करने लगता है लेकिन यह बीमारी ना ही किसी को छूने से फैलता है और ना ही जानलेवा है यह सफेद दाग स्त्री या पुरुष किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन यह ज्यादातर उन लोगों को होता है उनके शरीर में पहले से कुछ बीमारियां होती है जैसे कि थायराइड डायबिटीज इत्यादि। कुछ लोग कुछ लोगों में जेनेटिक नहीं होता है जैसे कि अगर आपकी फैमिली में किसी को सफेद दाग की प्रॉब्लम है तो आपको भी होने की आशंका होती है परंतु 100% आशंका नहीं होती है कुछ प्रतिशत ही होने के चांसेस रहते हैं लेकिन यह ज्यादातर नहीं होता है , कुछ लोगों में सनबर्न या स्ट्रेस की वजह से भी यह सफेद धब्बे आने लगते हैं कभी-कभी इंडस्ट्रियल केमिकल के निकलने की वजह से भी यह स्किन प्रॉब्लम हो जाती है !
ऐसा माना जाता है कि मछली और दूध का सेवन एक साथ करने से सफेद दाग की समस्या हो सकती है परंतु सफेद और मछली के अलावा ऐसे बहुत सारी चीजें हैं जिनका इस्तेमाल एक साथ नहीं करना चाहिए और उनका रिएक्शन हमारी बॉडी पर हो सकता है लेकिन यह भी जरूरी नहीं आएगी यह रिएक्शन सब के ऊपर हो जाए।
लेकिन हमारे विशेषज्ञों ने यह बताया है कि बहुत सारी चीजों का सेवन एक साथ नहीं करनी है जैसे की मछली और दूध का सेवन एक साफ करने से किसी किसी को स्किन रिएक्शन या सफेद दाग हो जाते हैं यह हर किसी को नहीं होता किसी लाखों में से एक को ही यह सफेद दाग मछली और दूध के एक साथ सेवन से हो जाते हैं और ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जिनका सेवन एक साथ करने से वह आपस में रिएक्ट हो जाती हैं !
दोस्तों!, यह कहना सही नहीं है कि छुआछूत की बीमारी है यह छुआछूत की बीमारी बिल्कुल नहीं है यह एक दूसरे से कभी नहीं लगती यह हमारी बॉडी में होने वाला है कैसा रिएक्शन है जो हमारी स्किन पर सफेद दाग के रूप में आता है इसका इलाज हो तो लंबा है और इतना लंबा है कि आदमी थक जाता है हालांकि इसका इलाज भी मौजूद है लेकिन इसके इलाज में सालों लग जाते हैं !
सफेद दाग के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय -
दोस्तों सफेद दाग से बचने के लिए हमें अपने हाथ पर ध्यान देना होगा।
दूध ना पिए अगर दूध पिए तो दूध के साथ नमक पल चाहिए ना ले अगर आप नाश्ते में दूध पीना है तो उसके साथ कोई नमक वाली चीज ना ले और अगर आप रात दूध पी रहे हैं तो खाने से 1 घंटे बाद ही दूध का सेवन करें।
नमक की मात्रा भोजन में कम कर दें और यदि आप जल्दी स्वस्थ होना चाहते हैं तो नमक और मीठा का परहेज करें आपके शरीर को जितनी ज्यादा नाम की औरत होती है उतना नमक हरि सब्जियों से मिल जाती है मीठा भी जितना चाहिए होता है उतना साफ सब्जियों भोजन से मिल जाता है इसलिए थोड़े दिनों के लिए नमक और मीठा बंद कर दे।
सफेद दाग से बचने के लिए प्राणायाम अवश्य करें, यदि आपने प्राणायाम नहीं किया तो यह सारे उपचार व्यर्थ हो जाएंगे
5 मिनट भस्त्रिका, 15 से 20 मिनट कपाल भारती , फिर 5 बार वायु प्रणा, 15 से 20 बार अनुलोम विलोम प्राणायाम , 5 बार भंवरी , पांच बार उदगति और फिर थोड़ी देर सांसो पर ओम का ध्यान करना।
पतंजलि में मिलने वाली आयुर्वेदिक औषधि - महामज्जिष्ठाधरिष्ट, चार चम्मच दवा चार चम्मच पानी दोपहर और शाम में खाने के बाद ले ले।
दिव्य श्वित्रघ्न लेप, और दिव्य कायाकल्प तेल, रात में श्वित्रघ्न लेप लगा ले तथा दिन में कायाकल्प तेल लगा ले।
घर में आप गोमूत्र गोबर का रस तथा नीम की पत्ती का रस बाकूची चूर्ण में मिला करके और उसको लगाइए और बाकूची चूर्ण को गोमूत्र के साथ में खाइए इसी से आप ठीक हो जाएंगे